भारत में गरीबी और भुखमरी की स्थिति



भारत में गरीबी और भुखमरी की स्थिति


                                            


भारत में गरीबी और भुखमरी की स्थिति


भारत में गरीबी और भुखमरी की स्थिति





मैंने उसे देखा
उसके अंदर की लाचारी को
वह जो बैठी थी
कठोर तपती धरती पर
मैले-फ़टे कपड़ों को
डाले अपने अंतर पर
टूटे बर्तन में किसी की
जूठन को डाले
कमजोर से कंधे पर
मासूम भाई को लादे
दोनों थे शायद
कई दिनों से भूखे
मुकद्दर और भाग्य
दोनों से रूठे
लड़की ने खाना उठाया
खुद से पहले
भाई को खिलाया
वह तो भूख से
बिलबिला रहे थे
और लोग उनपर
खिलखिला रहे थे
किसी ने कहीं से
था खाना दिलाया
अरे! तभी कुत्ते ने
प्लेट को मुँह लगाया
भाई है भूखा
उसे ख्याल आया
निवाले को उसके
मुँह से तुरत लगाया
हाय! विधाता भी है
उस से रूठा
कुत्ता कहीं खाता है बिस्किट
कोई खाता है उसका जूठा
सोचा शायद
यही गरीबी है
इसके नीरस जीवन की
बदनसीबी है
ईश्वर ने भी कैसी 
उसकी किस्मत रचाई
हाय! लाज को भी
लाज नहीं आयी
कोई कुत्तो की जूठन से
भूख मिटा रहे हैं
और हम बड़े जोरों से
चीख-चिल्ला रहें हैं
कहते हैं यह है
दुःखमुक्त-ऋणमुक्त भारत
अवश्य बनाइये
डिजिटल युक्त भारत
चलो, पहले बनाते हैं
'भूख' मुक्त भारत
                  सचिन 'निडर'



















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