The Problem of Compost for Indian Farmers

 



   खाद की समस्या

       


                      










खाद की समस्या





यू.पी.  अब  गूँज  उठी  है,  खाद - बीज  के  नारों  से,
कहने को तो बटी बहुत है, दिखी न खाद वो आँखों से। 

लाठी   चटकी,  डंडे   बरसे,  वर्दी   वाले   हलकारों   से,
पर आज अन्न के दाता को, ना मिले खाद सरकारों से। 

बेबसी सहीं,  गालियां  सुनी, धरती के वीर  सपूतों ने,
ना जाने कितने जुल्म किये, भारत के कूप-कपूतों ने। 

आंसूं  सस्ते रह गए नहीं, कहो  कपूत  दलालों  से,
कब तक इनका पेट भरोगे, अपने खून-पसीनों से। 

रख लो सहेजकर मोतियों को, वक्त तुम्हारा भी आएगा,
जब  भारत का  ह्रदय पटल,  अन्नदाता मय हो जायेगा।   

                                                      सचिन 'निडर'




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