नव वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं


नव वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं

Happy New Year 2021 Wishes




Happy New Year 2021







प्रणाम।

नव वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं।


आप सभी को 'हिंदी स्तंभ' की ओर से नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। आने वाला वर्ष आप सभी के जीवन मेें नए उत्साह का संचार करे। नूतन वर्ष का स्वागत एक नई सोच के साथ करना चाहिए इसी विश्वास के साथ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

हालांकि नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं शब्द पर लोगों का शायद अब भरोसा कम हो चुका है। पर भरोसा रखिये क्योकि भरोसे एवं विश्वास पर ही यह समूल विश्व टिका हुआ है। और भरोसा तो रखना ही पड़ेगा, इसके अलावा विकल्प ही क्या है। हम बस उम्मीद ही कर सकते हैं कि जैसा 2020 में हुआ आने वाले सभी वर्ष उन सब मुसीबतों से दूर ही रहे।

एक और वर्ष हमारे जीवन का कम हो चला। और आने वाले वर्ष के साथ आयेगीं जीवन मे नई उम्मीदें, नए संकल्प, नई उम्मीदें एवं नई सफलताएं।

प्रत्येक वर्ष की भांति नव वर्ष की सुगबुगाहट प्रारम्भ हो चुकी है। शायद आप भी अपने प्रियजनों को नव वर्ष की शुभकामनाएं  संदेश एवं उपहार आदि भेजने की तैयारी कर चुके होगें। हालांकि पिछला वर्ष 2020 जैसा गया है वह सभी को पता ही है तो उम्मीद यही कर सकते है कि आने वाला वर्ष कम से कम ऐसा न ही हो तो अच्छा है। सब ठीक हो जाये यही प्रार्थना कर सकते हैं।

नव वर्ष प्रत्येक देश में एवं प्रत्येक धर्म में अलग-अलग विधियों से तथा तिथियों से मनाया जाता है। 1 जनवरी को जो नया वर्ष मनाया जाता है वह पश्चिमी मान्यताओं के अनुसार मनाते है। भारत विविधताओं का देश है इसलिए भारतीय नव वर्ष भी अलग-अलग धर्मों/स्थानों में उनकी मान्यताओं के आधार पर मनाया जाता है जैसे हिन्दू में चैत्र नवरात्र के प्रथम दिवस, इस्लाम में मुहर्रम, सिख में बैसाखी, तमिल में पोंगल, महाराष्ट्र में गुड़ी-पड़वा, मारवाड़ी में दीवाली के दिन तथा गुजराती में दीवाली के दूसरे दिन नव वर्ष का उत्सव मनाया जाता है।

तो आइए सब मिलकर एक नई सोच के साथ नूतन वर्ष का स्वागत करें।


नव वर्ष पर कुछ पंक्तियाँ-


नव वर्ष पर कविता


नव वर्ष कैसा हो,
संकल्प करके आएं हम।
हमें आशीष दो यह प्रभु,
किसी के काम आएं हम।

जो बीत गया सो बीत गया,
अब नई उम्मीदें कायम हैं।
समय के आगे बेबस सब,
क्या तुम और क्या हम हैं।

नई कहानी लिखना है,
और बस लिखते रहना है।
बुरा दौर अब गुजर चुका,
बस आगे बढ़ते रहना है।

नया वर्ष है नया सवेरा,
नए-नए अगणित पल हैं।
पथिक नया और नया सा पथ है,
नया-नया यह जीवन है।

सबको लेकर साथ चलें,
जोर रहे ना बंदिश पर।
नूतन वर्षों की चाह अभी,
सिमटा लो मन-मन्दिर पर।

राग-द्वेष से मुक्त रहें,
सुख में सब संसार रहे।
जो उद्घोषित उद्वेलित हैं,
उनका भी यशगान रहे।

स्वछंद, श्वेत, धवल रखना,
हृदय स्वयं का अंदर तक।
जहां तलक भी सोच सको,
लो अंगड़ाई खुले फलक तक।

हे ईश्वर है बस आस यही,
हो सभी मनोरथ मय इसमें।
हो निष्कलंक निर्विघ्न वर्ष,
सब गान हो मंगलमय इसमें।

हो मनभावन पावन निर्मल,
शोणित सुखों के द्वार रहें।
करो जगत कल्याण प्रभू,
जगमग सब सम्मान रहे।

सब अहं त्याग इंसान बने,
असहायों का सत्कार करें।
भारत-भू पर हो निष्कलंक,
सब जीवों का उद्धार करें।

दायित्व हमारा सिर्फ एक,
हम मेहनत की हद पार करें।
कर्तव्य हमारे जीवन का,
कुछ आज धरा के नाम करें।
                   
बुरे दौर के बाद अभी तक,
चंचल मन फिर गावत है।
विपदाओं से भरे भँवर में,
नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है।
                   सचिन 'निडर'












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