नेताजी सुभाष चंद्र बोस
जयंती विशेष
कविता - नेताजी सुभाष चंद्र बोस
कविता - नेताजी सुभाष चंद्र बोस
धन्य-धन्य वह माता थी,
जिसने सुभाष को जाया था।
चढ़कर भारत वेदी पर जो,
शेरे हिन्द कहाया था।
जान लुटाते थे एक पल में,
भारत माँ की माटी पर।
विनाश मचा डाला था तुमने,
चढ़ गोरों की छाती पर।
नेता वह नहीं आधुनिक थे,
थे नेता वह भारत जन के।
थे भाग्य विधाता युवा वर्ग के,
जीवित हैं सदा देश उर में।
सुनना है तो सुनलो उनको,
संगीनों की झंकारों में।
व्यक्त नहीं कर सकता उनकी,
हिम्मत को व्याख्यानों में।
था कर्ज़ तुम्हारे ऊपर जो,
इस हिंदुस्तान की माटी का।
कर दिया अदा हँसते-हँसते,
कर सौदा जान की बाज़ी का।
शब्द खत्म हो जाते हैं,
उनकी कहानियाँ लिखने में।
दे गए स्वराज के सूरज को,
जो लाल रंग के बदले में।
करता है नमन देश तुमको,
इस पावन सरल जयंती पर।
आ जाओ फिर बनके सुभाष तुम,
हिंदुस्तान की धरती पर।
सचिन 'निडर'
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