जय श्री राधे कृष्णा
Jai Shree Radhe Krishna
Krishna Janmastami
जय श्री राधे कृष्णा
Jai Shree Radhe Krishna
Krishna Janmastami
हिंदी कविता
आज तो विराजो,
हिय नगरी गोविंद,
मुरली की तान पर,
नचाओ नर-नार को।
भक्त हैं प्रतीक्षा में,
सज घर-द्वार रहे,
असुरों से मुक्ति अब,
करा दो संसार को।
युद्ध है छिड़ा हुआ,
रणभूमि सारा विश्व है,
फिर से सुना दो वही,
गीता वाले सार को।
त्रास है तेरे भक्त,
भय, रोग-दोष से,
स्वर्ग से दिला दो,
कल्पवृक्ष वाली डाल को।
पापियों के पाप से,
चहुँ ओर त्राहिमाम है,
अब तो बहाओ,
कृष्ण वाले मायाजाल को।
प्रीत में पगे हुए,
विरह पुकार सुनों,
फिर से रचा दो वही,
राधा वाले रास को।
धूल बृज की लगाऊं,
रज मथुरा हो शीश,
माखन चढाऊँ छाछ ,
नित गऊ ग्रास को।
वसुधा की रज में,
खेलता है नंदलाल,
अब तो पधारो कृष्ण,
हरो धरा-भार को।
सचिन 'निडर'
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