महिला उत्पीड़न
दरिंदगी
Women Harassment
महिला उत्पीड़न
Women Harassment
धृतराष्ट्र बने क्यों बैठे हो,
हे द्रोण गुरु तुम कैसे हो,
हे भीष्म तेरा कैसा पौरुष,
तुम सभी एक ही जैसे हो।
हर एक योद्धा चुप्पी साधे,
हर चाटुकार का मन भागे,
दुशाशन का जोर प्रबल है,
अबलाएं तेरी ओर निहारे।
हे गिरिधर नागर आ जाओ,
दुनियाँ तुम पर बलिहारी है,
हे पांडव तुम चुप ही बेठो,
वह चीर हरण तो जारी है।
हे भीम तुम्हारी गदा कहाँ,
अर्जुन तेरा गांडीव उठा,
द्वापर बीता कलयुग आया,
द्रोपदियों की अब लाज बचा।
दुःशासन की फौज खड़ी,
नारी कि परीक्षाएं है कड़ी,
कितने गिरधारी लाओगे,
प्रक्रियाएं मुँह फैलाये खड़ी।
हे न्याय प्रक्रिया महाराजों,
हे राजनीति के मतवालों,
तुम रत्नजड़ित सिंघासन पर,
हो मूक-बधिर से जमे रहो।
यह अंतहीन सी गाथा है,
मन विचलित हो जाता है,
कुछ दर्द जरा महसूस करो,
हर एक पत्थर रो जाता है।
सचिन 'निडर'
1 Comments
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